आध्यात्मिक गुरु सत्य साईं बाबा का जन्म 23 नवंबर 1926 को आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में हुआ था। उनका बचपन का नाम सत्यनारायण राजू था। 1940 में अचानक एक दिन उन्हें एक बिच्छू ने काट लिया, जिसके बाद वह बेहोश हो गए। होश आने पर उनका व्यवहार बिल्कुल बदल गया और उन्होंने संस्कृत के श्लोक बोलने शुरू कर दिए। कुछ समय बाद उन्होंने दावा किया कि वह शिरडी वाले साईं बाबा के अवतार हैं। हवा में मिठाई और फल पैदा कर देने जैसी चीजों को उनके भक्तों ने चमत्कार माना तो कुछ लोगों ने इसे छोटे-मोटे जादू का नाम दिया। बीती 24 अप्रैल को लंबी बीमारी के बाद उन्होंने शरीर छोड़ दिया। समाजसेवा से जुड़े अपने तमाम कामों के लिए बाबा को हमेशा याद रखा जाएगा।
- आस्था हमारी जीवन डोर की तरह है। इसके बगैर दुनिया में एक मिनट भी रहना नामुमकिन है।
- दुनिया के तमाम देश ईश्वर के बड़े-से महल के कमरों की तरह हैं।
- अगर आपको ऐसा लगता है कि आप किसी का अच्छा नहीं कर सकते, तो कम-से-कम बुरा भी मत करो।
- मांस खाकर इंसान के अंदर हिंसक प्रवृत्तियां पनपती हैं।
- ईश्वर की सेवा करने का एकमात्र तरीका इंसान की सेवा करना है।
- ज्यादा नमकीन, ज्यादा गर्म, ज्यादा मीठा, ज्यादा कड़वा या ज्यादा खट्टा खाना नहीं खाना चाहिए।
- ईश्वर को जानने का अर्थ क्या है? इसका मतलब है ईश्वर को प्रेम करना।
- जहां विश्वास है, वहां प्रेम है, जहां प्रेम है, वहां शांति है, जहां शांति है, वहां ईश्वर है और जहां ईश्वर है, वहां परम आनंद है।
- जब हम खुद को ईश्वर के प्रति पूरी तरह समर्पित कर देते हैं, तो वह हर तरह से हमारी देखभाल करता है।
- इंसान को अगर कोई सबसे बड़ा डर हो सकता है तो वह है ईश्वर का प्रेम खो देने का डर।
- ज्यादा खाना खाने से दिमाग मंद हो जाता है।
- जब कभी आपदाएं आती हैं, तो पक्षपात पूरी तरह मिट जाता है।
- आप जैसा महसूस करते हैं, वैसा बोलना सीखिए और जैसा बोलते हैं, वैसा करना सीखिए।
- अक्लमंद इंसान की पहचान क्या है? वह पूरी मानवता से प्रेम करता है।
- दुनिया में हर चीज बदल रही है, यहां तक कि इंसान भी हर पल बदल रहा है।
- इंसान का भविष्य उसके हाथों में है।
- जो लोग आध्यात्मिकता की खोज में हैं, उनकी बातचीत का जरिया मौन होता है।
- जब घर में शांति होगी, तो देश में व्यवस्था होगी, जब देश में व्यवस्था होगी तो दुनिया में शांति होगी।
Thursday, September 29, 2011
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