Friday, September 30, 2011

बिना दुश्मन बनाए अपनी बात रखना ही कला है

महान वैज्ञानिक आइजैक न्यूटन का जन्म 25 दिसंबर 1642 को इंग्लैंड की लिंकनशर काउंटी के एक गांव में हुआ। उनके पिता एक किसान थे और उनकी मृत्यु के 3 महीने बाद न्यूटन का जन्म हुआ। उन्होंने गुरुत्वाकर्षण के नियम की खोज की और क्लासिकल मैकेनिज्म की नींव रखी। तमाम वैज्ञानिक आविष्कारों के बाद उन्होंने कई धार्मिक शोध भी लिखे। वह महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ ज्योतिषी और दार्शनिक भी थे। उन्हें सर की उपाधि से नवाजा गया। 31 मार्च 1727 को उनका देहांत हो गया।

मैं सौरमंडल के ग्रह-सितारों की रफ्तार का हिसाब लगा सकता हूं, लेकिन लोगों के पागलपन का कतई नहीं।
गलतियां कला में नहीं, कपटी कलाकारों में हैं।
अगर मैं अहम आविष्कार कर पाया हूं तो इसमें मेरी प्रतिभा से भी ज्यादा भूमिका सब्र से चीजों और घटनाओं को देखने की मेरी आदत की रही है।
बेलगाम कल्पना के बिना कोई भी महान आविष्कार मुमकिन नहीं होता।
मेरे हिसाब से मैं समुद्र किनारे खेल रहा महज एक बच्चा हूं, जिसे ज्ञान के विशाल समुद्र की अभी थाह लेनी है।
अगर मैं दूसरों से ज्यादा दूर तक चीजों को देख पाया हूं तो सिर्फ इसलिए कि मैं मजबूत कंधों पर खड़ा हूं।
आप जो काम करते हैं, उसका महत्व होना बहुत जरूरी है। फिजूल गिनती बढ़ाने के लिए काम करने का कोई फायदा नहीं है।
कोई दुश्मन बनाए बिना अपनी बात को रख देना ही चतुरता कहलाता है।
हर काम की उलटी और बराबर प्रतिक्रिया होती है
मेरे लिए साइंस की तरक्की से बड़ा कोई सम्मान या प्रतिष्ठा नहीं है।
हमने दीवारें बहुत खड़ी कर दीं, मगर पुल बनाने में कमी रह गई

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